tag:blogger.com,1999:blog-6753607008942686249.post1637783948595514737..comments2023-08-03T08:13:15.576-07:00Comments on युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش: किसी पल भी मुकर जायेगा क्या विशवास है उसका.युग-विमर्शhttp://www.blogger.com/profile/05741869396605006292noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6753607008942686249.post-6916868687392603032008-12-26T09:58:00.000-08:002008-12-26T09:58:00.000-08:00वो जो बातें भी करता है, कभी सीधी नहीं करता,वो जो व...वो जो बातें भी करता है, कभी सीधी नहीं करता,<BR/>वो जो वक्तव्य देता है, स्वयं परिहास है उसका.<BR/><BR/>और..<BR/><BR/>चलो, उससे ही चलकर पूछते हैं, क्या इरादा है,<BR/>ये तैयारी है कैसी, कोई मकसद ख़ास है उसका.<BR/><BR/>...लगता है जैसे आज ही लिखी गयी हो,लेकिन कल का भी सच और आनेवाले कल का भी.<BR/><BR/>क्या खूब...<BR/>किताब की प्रिंट उपलब्ध नहीं है सुन कर मन क्षुब्ध हो गया.गज़ल का अराधक हूं,जो कहीं से एक प्रती मिल जाती तो बड़ी अनुकंपा होती...गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6753607008942686249.post-67705951894184396512008-12-26T08:05:00.000-08:002008-12-26T08:05:00.000-08:00किसी पल भी मुकर जायेगा ऐसा ही इतिहास है उसकाचलो, उ...किसी पल भी मुकर जायेगा ऐसा ही इतिहास है उसका<BR/>चलो, उससे ही चलकर पूछते हैं, क्या इरादा है,<BR/>ये तैयारी है कैसी, कोई मकसद ख़ास है उसका<BR/>बहुत ही खूबसूरत ख्याल हैं...कायल हो गए ......शायरी की गहराई आज देखी .....ऐसी खूबसूरत गजर के लिए बधाई।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6753607008942686249.post-60353679143938973532008-12-26T08:01:00.000-08:002008-12-26T08:01:00.000-08:00वर्तमान परिपेक्ष में सटीक ग़ज़ल बहोत ही उम्दा लिखा...वर्तमान परिपेक्ष में सटीक ग़ज़ल बहोत ही उम्दा लिखा है आपने ढेरो बधाई आपको .. अपने पचासवीं ग़ज़ल पे आपका स्नेह चाहूँगा ढेरो स्वागत के साथ.....<BR/>अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.com