tag:blogger.com,1999:blog-6753607008942686249.post8720445948292947672..comments2023-08-03T08:13:15.576-07:00Comments on युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش: ग़म की बारिश ने भी / मुनीर नियाज़ीयुग-विमर्शhttp://www.blogger.com/profile/05741869396605006292noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6753607008942686249.post-39158245050164466462008-10-09T19:30:00.000-07:002008-10-09T19:30:00.000-07:00ग़म की बारिश ने भी तेरे नक़्श को धोया नहीं।तू ने मु...ग़म की बारिश ने भी तेरे नक़्श को धोया नहीं।<BR/>तू ने मुझको खो दिया, मैंने तुझे खोया नहीं।<BR/><BR/>जानता हूँ एक ऐसे शख्स को मैं भी मुनीर,<BR/>ग़म से पत्थर हो गया लेकिन कभी रोया नहीं।<BR/><BR/>बहुत उम्दा ग़ज़ल.अमिताभ मीतhttps://www.blogger.com/profile/06968972033134794094noreply@blogger.com