tag:blogger.com,1999:blog-6753607008942686249.post5803785539333421368..comments2023-08-03T08:13:15.576-07:00Comments on युग-विमर्श (YUG -VIMARSH) یگ ومرش: वतन की सरजमीं को माँ का दर्जा देते आये हैं.युग-विमर्शhttp://www.blogger.com/profile/05741869396605006292noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6753607008942686249.post-26902263083171672282008-11-19T23:16:00.000-08:002008-11-19T23:16:00.000-08:00सुंदर गज़ल...रचनाकार को दिली बधाई...वजन और भावों की...सुंदर गज़ल...रचनाकार को दिली बधाई...वजन और भावों की दुरूस्तता खूब बनायी हैगौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6753607008942686249.post-3346443548899451252008-11-19T21:29:00.000-08:002008-11-19T21:29:00.000-08:00प्रिय दिवाकर जी,आपने जो उदाहरण दिया है उसे किसी भी...प्रिय दिवाकर जी,<BR/>आपने जो उदाहरण दिया है उसे किसी भी देश के सन्दर्भ में लिया जा सकता है. किंतु मैं जो उदाहरण दे रहा हूँ उसमें भारत की विशिष्टता संदर्भित है. एक ऐसी विशिष्टता जो हमारी आस्था का आधार है-<BR/>हिंद अस्त के नेमुल्बदले-फ़िरदौस अस्त. <BR/>आदम ज़े-बहिश्त बीन कि उफ़ताद बे-हिंद. <BR/>अर्थात 'भारत वास्तव में स्वर्ग का स्थानापन्न रूप है. हज़रत आदम को इसीलिए स्वर्ग से भारत की धरती पर उतारा गया ताकि वे एक स्वर्ग से दूसरे स्वर्ग में जा सकें. <BR/>ज़ैदी जाफ़र रज़ाQALAMKAARhttps://www.blogger.com/profile/09060705983825911903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6753607008942686249.post-64799712611058878772008-11-18T07:58:00.000-08:002008-11-18T07:58:00.000-08:00"जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदपी गरीयसी""जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदपी गरीयसी"दिवाकर प्रताप सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06302009569112820477noreply@blogger.com